सरकार पर भड़के किसानों ने कहा- मांगों पर फैसला करें, नहीं तो हमारे पास इतना सामान है कि सालभर आंदोलन चला सकते हैं
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज 10वां और अहम दिन है। दोपहर करीब सवा दो बजे से किसानों की सरकार से बातचीत जारी है। दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रही मीटिंग में 40 किसान शामिल हैं। सरकार से चर्चा के दौरान किसान भड़क गए। उन्होंने कह दिया कि सरकार मांगे पूरी करे, नहीं तो मीटिंग छोड़कर चले जाएंगे। उधर, कृषि मंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप सीनियर सिटीजंस और बच्चों से घरों को लौटने के लिए कहिए।
'हम एक साल की व्यवस्था के साथ आए हैं'
किसानों ने कहा है कि हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते। इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं। हम पिछले कई दिनों से सड़कों पर हैं। हमारे पास एक साल की व्यवस्था है। अगर सरकार यही चाहती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं। हम हिंसा का रास्ता भी नहीं अपनाएंगे। इंटेलीजेंस ब्यूरो आपको बता देगी कि हम धरनास्थल पर क्या कर रहे हैं।
साथ ही कहा कि अब और बातचीत नहीं चाहते, सरकार समाधान निकाले। लंच ब्रेक में किसानों ने आज भी सरकारी खाना नहीं, बल्कि अपना लाया हुआ खाना ही खाया। वे पानी तक साथ लाए थे। इससे पहले गुरुवार की मीटिंग में भी किसान खाना साथ लाए थे।
सरकार ने पिछली मीटिंग का लिखित जवाब सौंपा
सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों से बात कर रहे हैं। किसानों की मांग पर सरकार ने पिछली मीटिंग का पॉइंट वाइज जवाब लिखित में सौंप दिया है।
सरकार MSP की लिखित गारंटी देने को राजी, किसान कानून वापसी पर अड़े
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रखने की लिखित गारंटी देने और कृषि बिलों के जिन प्रोविजंस पर किसानों को आपत्ति है, उनमें संशोधन करने को भी तैयार है। लेकिन, किसान तीनों कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। मीटिंग से पहले किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों में बदलाव से काम नहीं चलेगा, सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए।
इससे पहले किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपने 4 मंत्रियों से चर्चा की। मोदी के घर करीब 2 घंटे चली मीटिंग गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे।
किसान बोले- आज सिर्फ कानून रद्द करने की बात होगी
किसानों ने मीटिंग से पहले कहा कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है। ऐसे में सभी संगठनों ने फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है। किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, सिर्फ कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।
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